केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षा परिणामों एवं मूल्यांकन पद्धति का तुलनात्मक अध्ययन

Authors

  • दिनेन्द्र दत्त यादव

Abstract

व्यक्ति एवं राष्ट्र के विकास हेतु शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। वास्तव में विश्व में घटित हो रही तमाम घटनाओं को व्यक्ति तभी समझ सकता है तथा अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है जब व्यक्ति स्वयं शिक्षित हो। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे व्यक्ति व राष्ट्र संपूर्ण विश्व पर अपना दबदबा बना सकता है।
   शिक्षा एक वैश्विक विषय के रूप में संपूर्ण विश्व में विद्यमान है। मार्च १९९० में एजूकेशन फार आल (सबके लिए शिक्षा) विषय पर संगोष्ठी में थाईलैंड में यह प्रण किया गया था कि 2000 तक संपूर्ण विश्व में सबके लिए शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा।
विश्व में शिक्षा का प्रचार प्रसार तो अत्यंत विस्तृत स्तर पर किया जा रहा है। भारत भी प्रत्येक स्तर पर शिक्षा के उन्नयन व विकास हेतु तत्पर है।
सर्व शिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन योजना इत्यादि शिक्षा के विस्तार हेतु किए गए विशेष प्रयास हैं जिनके द्वारा केन्द्र सरकार प्रत्येक राज्य सरकारें शत प्रतिशत शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।
प्रस्तुत शोध प्रपत्र में मुख्य रूप से केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के मूल्यांकन पद्धति व अंकों के विवरण पर अध्ययन किया गया है।
संकेतशब्द- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षा परिणाम, मूल्यांकन पद्धति, तुलनात्मक अध्ययन, शैक्षिक उपयोगिता।

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Published

15-01-2019

How to Cite

1.
दिनेन्द्र दत्त यादव. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षा परिणामों एवं मूल्यांकन पद्धति का तुलनात्मक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2019 Jan. 15 [cited 2024 Nov. 21];2(1):24-32. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/103

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