आजाद भारत में आदिवासी समाज और उनकी संस्कृति का एक अध्ययन
Abstract
आजादी के 67 साल बाद भी भारत में आदिवासी उपेक्षित, शोषित और पीड़ित नजर आ रहे है। किसी भी राजनीतिक दल ने न तो अपने घोषणा पत्र में आदिवासियों की समस्याओं को उठाया और न ही कभी चुनाव अभियान में उनके हित की बात उठाई है। आदिवासी किसी भी राज्य या क्षेत्र विशेष में नहीं बल्कि पूरे देश में फैले हैं। आदिवासी समाज को आज आजाद भारत में सबसे अधिक वेदना झेलनी पड़ रही है। आज भारत में आदिवासी कहीं पर नक्सलवाद से जूझ रहे हैं, तो कहीं पर अलगाववाद की आग में जल रहे हैं।
मुख्य शब्दावली- क्रान्तिकारी, स्वतन्त्रता, सैद्धान्तिक, देशभक्ति, ब्रिटिसराज, देशी राज्य।
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Published
01-06-2018
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1.
डॉ0 कृपाल सिंह. आजाद भारत में आदिवासी समाज और उनकी संस्कृति का एक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2018 Jun. 1 [cited 2025 Mar. 12];1(1):143-9. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/169
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