राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 महत्व एवं चुनौतियाँ
Abstract
आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 21वीं सदी की पहली शिक्षानीति है। यह नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। 20 जुलाई 2020 को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा इसे मंजूरी मिली। बदलते वैश्विक परिदृश्य में मौजूदा शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता थी। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने, शिक्षा के वैश्विक मानकों को अपनाने के लिए शिक्षा नीति में परिवर्तन की आवश्यकता को देखते हुए इसे लागू किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने, सकल घरेलू उत्पाद (ळण्क्ण्च्ण्) का 6ः व्यय करने का लक्ष्य मानव संसाधन प्रबन्धन, मंत्रालय के स्थान पर शिक्षा मंत्रालय तथा पाँचवी कक्षा तक की शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है। देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए ‘‘भारतीय उच्च शिक्षा परिषद’’ का गठन करने एवं कक्षा 6 से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल करने का प्रावधान है। उच्च शिक्षण संस्थानों में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट देने की व्यवस्था की गयी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बदलाव सराहनीय हैं लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में सरकार को बुनियादी अवसंरचना को बहुत अधिक मजबूत करना होगा।
महत्वपूर्ण शब्द - शिक्षा, राष्ट्रीय, नीति, प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, गुणवत्ता, भाषा।
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