संसदीय शासन प्रणाली में राज्यपाल के अधिकार एवं चुनौतियाँ : आलोचनात्मक अध्ययन

Authors

  • डा0 सुधाकर कुमार मिश्रा , प्रो0 प्रवीन गर्ग

Abstract

भारत में एक संविधान है, इसी संविधान से संघीय सरकार एवं इकाई की सरकार शक्ति प्राप्त करती है। संघीय शासन प्रणाली में शक्ति का स्रोत संविधान होता है। संविधान के भाग-6 में राज्य सरकार का प्रावधान है। राज्यपाल राष्ट्रपति के द्वारा पाँच वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है; एवं वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बना रहता है। इसका आशय यह है कि राज्यपाल की नियुक्ति पाँच वर्ष के लिए की जाती है; परंतु इसको 5 वर्ष से पहले भी पदच्युत किया जा सकता है। राज्यपाल मंत्रिपरिषद के परामर्श को मानने को बाध्य होने के कारण वह राज्य का औपचारिक एवं संवैधानिक प्रधान ही रह जाता है।
मुख्य शब्दः राज्यपाल, संसदीय शासन प्रणाली, संघीय व्यवस्था एवं संवैधानिक प्रमुख।

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Published

31-01-2021

How to Cite

1.
डा0 सुधाकर कुमार मिश्रा , प्रो0 प्रवीन गर्ग. संसदीय शासन प्रणाली में राज्यपाल के अधिकार एवं चुनौतियाँ : आलोचनात्मक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2021 Jan. 31 [cited 2025 Apr. 29];4(1):169-74. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/337

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