ऑनलाइन शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का दृष्टिकोण

Authors

  • पूजा गोस्वामी

Abstract

कोविड-19 के कारण हुआ लॉकडाउन विश्व पटल पर एक अनोखी घटना थी, जब समूचे विश्व में सभी प्रकार की गतिविधियाँ रूक सी गई। शिक्षण संस्थान बन्द कर दिए गये, फैक्ट्रियों में ताले लग गये एवं स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय में सन्नाटा छा गया। ऐसी परिस्थिति में विद्यालयों के पुनः खुलने एवं पठन-पाठन को लेकर न केवल विद्यार्थी बल्कि शिक्षकों एवं अभिभावकों के मन में भी तनाव की स्थिति बनने लगी। ऐसी तनावपूर्ण व आपातकालीन स्थिति में सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि ऐसा क्या किया जाए जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा में निरंतरता बनी रहे एवं सत्र की न्यूनतम क्षति हो। जिसके लिए ऑनलाइन शिक्षा एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया। विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा का जो विकास एवं प्रसार हुआ वह सामान्य समय में सम्भवतः दस वर्ष के पश्चात् सम्भव हो पाता। प्रस्तुत शोध का उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के दृष्टिकोण का अध्ययन करना है। शोधकर्ता द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिसे के स्नातक स्तर के 100 विद्यार्थियों एवं 100 शिक्षकों इस प्रकार कुल 200 प्रतिदर्श का चयन यादृच्छिक प्रतिचयन विधि से किया गया। आंकड़ों के संकलन हेतु प्रश्नावली का निर्माण किया गया। शोध के परिणाम में पाया गया कि 84 प्रतिशत विद्यार्थी एवं 86 प्रतिशत शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा को पठन-पाठन के नवीन अवसर के रूप में मानते हैं एवं 62 प्रतिशत विद्यार्थी एवं 70 प्रतिशत शिक्षक इस बात से सहमत हैं कि विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से प्रयोगात्मक एवं कौशल आधारित ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

बीज शब्द- ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया, उच्च शिक्षा, दृष्टिकोण।

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Published

31-07-2023

How to Cite

1.
पूजा गोस्वामी. ऑनलाइन शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का दृष्टिकोण. IJARMS [Internet]. 2023 Jul. 31 [cited 2024 Nov. 21];6(02):1-9. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/468

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