घरेलू हिंसा और महिला मानवाधिकार : शिक्षा एक समाधान
Abstract
मानवाधिकार मनुष्यों के लिए बनाए गए ऐसे सार्वभौमिक अधिकार हैं जो सभी मनुष्यों की गरिमा एवं स्वाभिमान को पहचानते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। किसी भी सरकार, समूह या व्यक्ति को ऐसा कुछ भी करने का अधिकार नहीं है जो दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन करता हो। मानवाधिकार आज के समय में और भी प्रासंगिक है क्योंकि समाज में आजकल कुछ ऐसा घटित हो रहा है जो कि नहीं होना चाहिए। चाहे किसी भी स्तर पर क्यों ना हो सरकार को मानवाधिकारों की रक्षा हर हाल में करनी ही चाहिए।
जैसा कि हम सभी को विदित है कि शिक्षा जीवन के लगभग सभी पक्षों को प्रभावित करती है जैसे कि राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक आदि। यदि समाज में शिक्षा की महत्ता पर और अधिक बल दिया जाए तो समाज एक श्रेष्ठ समाज का उदाहरण बन सकता है और समाज से सभी प्रकार की बुराइयों का लोप हो सकता है। वर्तमान समाज की एक महत्वपूर्ण बुराई जो कि आज सर्वाधिक चर्चा का केंद्र बिंदु है, वह है घरेलू हिंसा।
शब्द संक्षेप- घरेलू हिंसा, महिला मानवाधिकार, मानवीय गरिमा एवं शिक्षा।
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