मानवाधिकार और घरेलु हिंसा
Abstract
मानव अधिकारों के प्रति सम्मान का विषय प्रत्येक प्रजातांत्रिक समाज के लिये सदैव अति महत्वपूर्ण रहा है। यह सार्वभौमिक रूप में स्वीकारा गया है कि मानव अधिकारों के प्रति सम्मान और उनके संरक्षण एंव प्रोन्नयन के लिए सद्भाविक प्रयास किए बिना कोई भी प्रजातंत्र न तो जीवित रह सकता है और न उसका अस्तितव कायम रह सकता है। यद्यपि सैद्धांतिक दृष्ट्रि से मानव अधिकारों का पोषण और संवर्धन अनेक राजनैतिक प्रणालियों में हो सकता है तथापि इतिहास ने निष्चित रूप से यह साबित कर दिया है कि शक्तिप्राप्त व्यक्तियों की ओर से निर्णयन प्रक्रिया में यथा संभव अधिकतम पारदर्शिता के वातावरण में ही वे वस्तुतः प्रतिभूत रह सकते हैं।
बीज शब्द- मानवाधिकार, घरेलु हिंसा, महिला संरक्षण एवं मानवीय गरिमा।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2023 ijarms.org

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*WWW.IJARMS.ORG