बाबा भीम राव अम्बेडकर और नव बौद्ध आंदोलन

Authors

  • सुमन, प्रो0 राजेश कुमार गौतम

Abstract

प्राचीन काल से भारत हिंदू धर्म प्रधान देश रहा है लेकिन समय के साथ हिंदू धर्म कर्मकांड, सामाजिक बुराईओ से ग्रस्त हो गया बलि एवं अस्पृश्यता जैसी समस्याओं ने मानवीय जीवन को नारकीय बना दिया था ऐसे समय मे महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म के द्वारा मनुष्य को कल्याण का मार्ग दिखाया आगे चलकर बाबा साहेब अंबेडकर ने भी दलित वंचित पीड़ित को बौद्ध धर्म का मार्ग दिखाया और बौद्ध धर्म मे समय काल मे आ गयी बुराईयों को दूर करके मूल बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को अपनाया और एक नया नाम दिया नव बौद्ध आंदोलन जिसे नव दलित आंदोलन भी कहा जाता है इस नये धार्मिक सुधार आंदोलन का मकसद दलितों को सामाजिक आर्थिक धार्मिक राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना था जिसमे बाबा साहेब काफी हद तक कामयाब रहे, यदि नई दुनिया पुरानी दुनिया से भिन्न है तो नई दुनिया को पुरानी दुनिया से अधिक धर्म की जरूरत है ये बात बाबा साहब ने बुद्ध और उनके धम्म का भविष्य लेख मे कहा था वे बहुत पहले से ही अपने सामाजिक जीवन मे झेले गये तिरस्कार से व्यथित थे और उन्हें इस बात का अहसास था कि अगर उनके जैसे पढ़े लिखे और विद्वान् व्यक्ति का इतना सामाजिक तिरस्कार हो सकता है तो निरक्षर और गरीब दलित लोगों के साथ कितनी खराब स्थिति होगी।
शब्द कुंजी- धम्म, वंचित ,शोषित, समता, प्रज्ञा, करुणा, पारिब्राजक, निर्वाण

Additional Files

Published

31-01-2024

How to Cite

1.
सुमन, प्रो0 राजेश कुमार गौतम. बाबा भीम राव अम्बेडकर और नव बौद्ध आंदोलन. IJARMS [Internet]. 2024 Jan. 31 [cited 2025 Mar. 12];7(01):94-7. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/546

Issue

Section

Articles