डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक जी का हिंदी साहित्य में योगदान
Abstract
किसी भी साहित्यिक कृति को समझने के लिए साहित्यकार की व्यक्तिगत यात्रा एवं उनके विचारों को समझना आवश्यक है। यहॉं में आपको एक ऐसे शक्स से रू-ब-रू कराना चाहती हॅू, जिन्होंने मॉ भारती के भण्डार को भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और निरन्तर वह साथनारत् हैं। जी हॉ मैं बात कर रहीं हॅू देवभूमि उतराखण्ड की जहॉं के सपूत डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक जी की जो केन्द्रीय षिक्षा मंत्री ही नहीं बल्कि उत्तराखण्ड के 5 वें मुख्यमंत्री भी रहे। इन्होंने साधारण कार्यकर्ता से लेकर विधायक, सांसद, व मुख्यमंत्री तक का सफर तय करके उन्होंने अपनी प्रतिभा से सबको परिचित करा दिया। निशंक जी को एक उपन्यासकार, एक कवि व लेखक के रूप में जानने समझने के लिए उनका साहित्य ही दर्पण है। क्योंकि एक उपन्यासकार का व्यक्तित्व किसी न किसी रूप में अपने जीवन और समाज से प्रभावित व प्रेरित करने वाला होता है। उन्होने साहित्यिक जगत में अनेक प्रकार की विधाओं की रचना की है, चाहे उपन्यास हो, या कविताएं हो, कहानी आदि इन्होनें साहित्यिक जगत के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बनाया। डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक जी ने अपने साहित्य में ग्रामीण एवं शहरी जीवन का उल्लेख किया, उनके जीवन की सहजता, सरलता, तत्परता और मानव मूल्यों के प्रति विकसित अवस्था उनके साहित्य में पल्लवित होती है। उनके उपन्यास जनमानस के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बनकर सामने आया है।
शब्द कुंजी- भारतीय साहित्य, डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, व्यक्तित्व, कृतित्व, हिंदी साहित्य में योगदान।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2024 WWW.IJARMS.ORG

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*WWW.IJARMS.ORG