कबीर की रचनाओं का संवेगात्मक चिन्तन - एक अध्ययन
Abstract
कबीरदास जी का काव्य साहित्य उनके व्यक्तित्व का मूर्तरूप है। उनकी निर्भीकता, स्पष्टवादिता, क्रॉतिकारिता और अहंभाव आदि सभी विशेषताएॅ उनके काव्य में झलकती है। जो युगों-युगों तक प्रेरणा देती रहेंगी। कबीरदास जी के प्रभावशाली अद्वितीय व्यक्तित्व ने स्वाभाविक रूप में उनके काव्य में जो भी युगान्तकारी प्रभाव शक्ति का सृजन किया है जो आज के दौर में भी अति प्रासंगिक है। कबीरदास जी सर्वप्रथम मानवतावादी हैं इसीलिए उनके काव्य में मानवीय संवेगों को भावपूर्ण ढंग से अभिव्यक्त किया गया है।
बीज शब्द - कबीरदास, रचनाएं, संवेगात्मक चिन्तन, जीवन दर्शन।
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Published
01-02-2024
How to Cite
1.
अभिलाषा सिंह. कबीर की रचनाओं का संवेगात्मक चिन्तन - एक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2024 Feb. 1 [cited 2024 Dec. 21];7:55-8. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/567
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