कबीर के चिंतन की आधुनिक समय में प्रसंगानुकुलता

Authors

  • डॉ सीताराम आठिया

Abstract

कबीरदास जी हिंदी के महान कवियों में से एक हैं। उत्तर भारत में तुलसीदास जी के बाद यदि किसी अन्य कवि का काव्य लोगों की जबान पर है, तो वह कबीर ही है। कबीर की साखिया उनके पद लोगों को कंठस्थ याद हैं, जिन्हें वे अनेक अवसरों पर उदाहरण स्वरुप प्रस्तुत करते हैं। कबीर को जो लोकप्रियता प्राप्त हुई उसका मूल कारण यह है कि उनके काव्य में अनुभूति की सच्चाई और अभिव्यक्ति का खरापन है। उन्हें जो अच्छा लगा उसका खुलकर समर्थन किया और जो बुरा लगा, निर्भीकता- पूर्वक उसका विरोध किया। उनका यह खरा स्वभाव लोगों को पसंद आया और इसीलिए वह जनता के कंठहार बन गए।
मुख्य शब्द- अंधविश्वास, कुरीतियां, चिंतन, समाज सुधारक

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Published

01-02-2024

How to Cite

1.
डॉ सीताराम आठिया. कबीर के चिंतन की आधुनिक समय में प्रसंगानुकुलता. IJARMS [Internet]. 2024 Feb. 1 [cited 2024 Nov. 21];7:94-8. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/579