कबीर के दोहे में निहित शिक्षक मूल्यों की वर्तमान में प्रासंगिकता
Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र कबीर दास जी के चिंतन की आधुनिक परिणति के संबंध में प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत शोध पत्र में बताया गया है कि कबीर दास एक महान भक्ति कवि थे जिन्होंने अपनी कविताएँ और दोहे के माध्यम से समाज में सामाजिक और धार्मिक संदेश प्रस्तुत किए। उनकी शायरी से न केवल उनके समक्ष बातचीत का द्वार खुलता है, बल्कि उनके द्वारा दिए गए संदेशों का महत्व आज भी अद्वितीय है। कबीर दास का चिंतन आधुनिक युग में भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उस समय था। उनकी बातें और संदेश सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर उत्तरदायित्वपूर्ण और विचारों पर आधारित हैं, जो आज के समय में भी महत्वपूर्ण हैं। कबीर दास के चिंतन की आधुनिक परिणति में उनकी विचारधारा के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों पर आधारित उनके संदेशों का महत्व है। आज के समय में भी उनके संदेशों और विचारधारा को समझते हुए हम आधुनिक समाज में समाजिक समानता, धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे के माध्यम से समृद्धि और सुख-शांति को बढ़ा सकते हैं।
बीज शब्द- कबीर के दोहे, निहित शिक्षक, मूल्य, समकालीनं प्रासंगिकता।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2024 www.ijarms.org
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*