लोक कला पर सोशल मीडिया का प्रभाव

Authors

  • पारुल जुरेल , डॉ. नमिता त्यागी

Abstract

सोशल मीडिया का विकास और इसके प्रभाव ने समाज के विभिन्न पहलुओं विशेष रूप से सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कला रूपों के क्षेत्र में नाटकीय परिवर्तन किए हैं। सोशल मीडिया ने लोक कला को नए मंच और दर्शक वर्ग प्रदान किया है, जिससे इन पारंपरिक कला रूपों को वैश्विक स्तर पर पहचान और सम्मान मिल रहा है। यह सोशल मीडिया का प्रभाव है, जिसने लोक कलाओं को न केवल संरक्षित किया, बल्कि उनका प्रचार-प्रसार भी किया है।
इस शोध पत्र का उद्देश्य, लोक कला के संरक्षण, प्रचार और व्यवसायीकरण के संदर्भ में सोशल मीडिया के प्रभाव को समझना है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिकटॉक ने पारंपरिक लोक कला के रूपों को नए रूप में प्रस्तुत किया है। इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से कलाकार अपनी कला को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने में सक्षम हो गए हैं। साथ ही सोशल मीडिया ने लोक कला के व्यवसायीकरण में भी अहम भूमिका निभाई है, जिससे कलाकार अपनी कला से आय अर्जित करने में सफल हो रहे हैं।
इस शोध में विभिन्न केस स्टडी, कलाकारों के साक्षात्कार और सोशल मीडिया के प्रभावों का विश्लेषण किया गया, ताकि यह समझा जा सके कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने लोक कला को किस तरह से एक नए आयाम तक पहुँचाया है। हालांकि, इस शोध में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सोशल मीडिया ने लोक कला के सांस्कृतिक प्रमाणिकता को प्रभावित भी किया है। व्यवसायीकरण और वैश्विक दर्शक वर्ग तक पहुँचने के दबाव में लोक कलाकारों को अपनी कला को संस्कृति की असली पहचान से समझौता किए बिना प्रस्तुत करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ समय के लिए सोशल मीडिया ने पारंपरिक कलाओं को “वायरल” बनाने के लिए इसे आधुनिक रुझानों के अनुरूप ढालने की प्रवृत्तियाँ शुरू की हैं, जिससे उसकी मूल सांस्कृतिक पहचान खो सकती है। इस शोध पत्र में यह भी चर्चा की गई है कि कैसे वायरल वीडियो और ऑनलाइन समुदायों ने लोक कला के नए रूप को आकार देने में मदद की है और कैसे यह कलाकारों के लिए प्रचार और वित्तीय सहायता का एक स्रोत बन चुका है। इसके अतिरिक्त, शोध विश्लेषण करता है कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने लोक कलाकारों के लिए दर्शकों से जुड़ने, अपनी कला को बढ़ावा देने और वैश्विक सांस्कृतिक बातचीत में भाग लेने के नए तरीके पेश किए गये हैं।
बीज शब्द - सोशल मीडिया, लोक कला, सांस्कृतिक प्रमाणिकता

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Published

01-05-2025

How to Cite

1.
पारुल जुरेल , डॉ. नमिता त्यागी. लोक कला पर सोशल मीडिया का प्रभाव. IJARMS [Internet]. 2025 May 1 [cited 2025 Jul. 4];8:1-6. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/714