दुर्खीम के कार्यों का समाजशास्त्र के विकास पर प्रभाव
Abstract
ईमाइल दुर्खीम, एक प्रमुख फ्रांसीसी समाजशास्त्री, को समाजशास्त्र को एक स्वतंत्र और वैज्ञानिक अनुशासन के रूप में स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उनका कार्य समाज की संरचना, सामाजिक तथ्यों, सामूहिक चेतना, और आत्महत्या जैसे विषयों पर केंद्रित था। इस शोध पत्र में दुर्खीम के प्रमुख सैद्धांतिक योगदानों की विवेचना की गई है और यह स्पष्ट किया गया है कि उनके कार्यों ने आधुनिक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोणों, अनुसंधान की विधियों और सामाजिक संस्थाओं की व्याख्या को कैसे प्रभावित किया। यह शोध पत्र दुर्खीम के विचारों की समयानुकूलता, प्रासंगिकता तथा विभिन्न समाजशास्त्रीय धाराओं पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करता है।
कीवर्ड्स- एमिल दुर्खीम, सामाजिक तथ्य, समाजशास्त्र का जनक, सामाजिक एकता, यांत्रिक और जैविक एकता, आत्महत्या का अध्ययन, धर्म का समाजशास्त्र, सामाजिक संस्थाएँ, सामाजिक संरचना, सामाजिक विभाजन, सामूहिक चेतना, अनात्मता, कार्यात्मकता
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