वर्तमान वैश्विक परिदृश्य एवं भारत राष्ट्र के समक्ष शिक्षा एवं रोजगार की चुनौतियां
Abstract
शिक्षा राष्ट्र विकास का आधार स्तम्भ है। कोई भी राष्ट्र या समाज बिना शिक्षा के विकसित नही हो सकता। इसको स्वतन्त्र हुये 72 साल हो चुके हैं इस अवधि में समाज में बहुत बदलाव आया है। इस बदलाव का सबसे महत्वपूर्ण कारक शिक्षा है। शिक्षा मानव की आधारभूत आवश्यकता है। जो उसके कौशल निर्माण के साथ साथ उसको जीवन में सभ्य होना भी सिखाती है।
शिक्षा किसी भी देश के कौशल विकास को प्रभावित करती है जिससे देश का आर्थिक विकास और समृद्धि प्रभावित होती है क्योंकि ये रोजगार सृजन गरीब एवं अन्य संबद्ध सामाजिक समस्याओं को कम करने का वातावरण तैयार करती है।
वर्तमान में देश को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, जनसंख्या, फर्जी मुद्रा, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, साइबर क्राइम, नक्सलवाद आदि ऐसे पहलू हैं जिनको समाप्त करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। इस सभी समस्याओं का हल चतुर्दिक प्रयासों के बिना सम्भव नही है।
मुख्य शब्दावली- शिक्षा का अधिकार, बुनियादी ढांचा, बेरोजगारी, आतंकवाद, आर्थिक विकास और समृद्धि।
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