डिजिटल मीडिया और लोक कला: सोशल मीडिया का प्रभाव

Authors

  • लोकेश्वर सिंह1

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्र में डिजिटल मीडिया विशेषकर सोशल मीडिया का भारतीय लोक कला पर प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रही लोक कला अब डिजिटल प्लेटफार्म्स पर नई पहचान बना रही है। शोध में पाया गया है कि सोशल मीडिया ने लोक कला की पहुँच और प्रसार में अभूतपूर्व वृद्धि की है, कलाकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, तथा नवाचार और सहयोग को प्रोत्साहित किया है। इसके साथ ही यह जागरूकता और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। परंतु इन अवसरों के साथ कुछ गंभीर चुनौतियाँ भी सामने आई हैं जिनमें प्रामाणिकता की समस्या, डिजिटल विभाजन, बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन प्रमुख हैं। शोध आलेख में इन चुनौतियों के समाधान हेतु डिजिटल साक्षरता में सुधार, क्षमता निर्माण और उपयुक्त नीतिगत ढाँचे के विकास पर बल दिया गया है, जिससे सोशल मीडिया और लोक कला के बीच स्वस्थ संतुलन स्थापित किया जा सके।
बीज शब्दः लोक कला, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, सांस्कृतिक विरासत, डिजिटल विभाजन, प्रामाणिकता, बौद्धिक संपदा अधिकार, डिजिटल साक्षरता, संस्कृति।

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Published

01-05-2025

How to Cite

1.
लोकेश्वर सिंह1. डिजिटल मीडिया और लोक कला: सोशल मीडिया का प्रभाव. IJARMS [Internet]. 2025 May 1 [cited 2025 Jul. 4];8:7-12. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/730