लोक संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता

Authors

  • डॉ० सुशील कुमार यादव

Abstract

हमारा देश भारत लोक संस्कृतियों से समृद्ध देश है। यहाँ अलग-अलग लोक संस्कृतियों के लोग रहते हैं। लोक संस्कृति सब कुछ है क्यों कि यह भारत की राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण होती है। लोक संस्कृति, राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने में और उसे बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाती है। लोक संस्कृति वहाँ के समाज की पहचान और एकता को दर्शाती है। ऐसा इसलिए भी क्यों कि लोक संस्कृति के द्वारा विभिन्न समुदायों के बीच आपसी संबंध और सहयोग बहुत बढ़ाता है। राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में लोक संस्कृति की भूमिका निर्विवाद रूप से अतिमहत्वपूर्ण है। भारत की लोक संस्कृति की एक अलग ही पहचान है। भारत में अनेक धर्म, जाति, भाषा, रहन-सहन व लोक संस्कृति के लोग एक साथ मिल-जुलकर रहते हैं। अनेकता में एकता भारत की विशेषता की पहचान है। लोक संस्कृति मनुष्य की जीवनी शक्ति और राष्ट्र के वैभव को बढ़ाने की भावना से युक्त होती है। इससे राष्ट्रीय एकता की सुदृढ़ भावना साकार होती है। लोक संस्कृति राष्ट्रीय एकता को अक्षुण्ण बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बीज शब्द- लोक संस्कृति, समुदायों, रीति-रिवाज, टोने-टोटके, व्रत-त्यौहार, और, हैं, परम्पराएं, बुजुर्गों, राष्ट्र प्रेम, एकता आदि।

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Published

01-05-2025

How to Cite

1.
डॉ० सुशील कुमार यादव. लोक संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता. IJARMS [Internet]. 2025 May 1 [cited 2025 Aug. 28];8:17-21. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/732