युवा पीढ़ी के दायित्वः सोशल मीडिया एवं शिक्षा के संदर्भ में
Abstract
किसी देश की मौलिक प्रगति का निर्धारण, उसका सुशिक्षित और शिक्षित युवा वर्ग ही करता है। आज देश की सीमाएँ विदेशी षड्यंत्रों और आतंकवाद से त्रस्त हैं। देश की अखंडता को चुनौतियां मिल रही हैं। ऐसे समय में युवा वर्ग का दायित्व बहुत बढ़ गया है। चरित्रवान, निर्भीक और जागरूक युवा संगठित रूप से आगे आकर आज समाज में सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, अशिक्षा,सांस्कृतिक ह्रास,व्याप्त भ्रष्टाचार, शोषण तथा अन्य कई सामाजिक विकृतियों से देशवासियों की रक्षा कर सकते हैं। राजनीति में युवा वर्ग की विशेष उपादेयता है। युवा उत्साह और ऊर्जा से लबरेज होता है और अपने इन्हीं गुणों से वह राजनीति में भी गति और गरिमा लाता है। राजनीति की गतिशीलता के लिए यह जरूरी है कि इसमें युवा वर्ग की भागीदारी बढ़े। राजनीति में युवा वर्ग की सक्रियता गुणात्मक बदलाव लाती है। आशा और स्फूर्ति का संचार करती है। युवा सोशल मीडिया के जरिए देश के विभिन्न आयामों के प्रति अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।
मुख्य शब्द- सीमाएँ, सोशल मीडिया, सामाजिक विकृतियों, शोषण, गुणात्मक बदलाव।
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