भारतीय ज्ञान परम्परा: वर्तमान मुद्दे एवं चुनौतियां
Abstract
प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा जो वैदिक एवं उपनिषद काल में थी. वह बौद्ध और जैन काल में भी रही विभिन्न विश्वविद्यालयों की स्थापना और शिक्षा व्यवस्था से स्पष्ट परिलक्षित होता है। लेकिन इसका लोप विगत 200 से 300 वर्षों में हुआ है। इस राष्ट्रीय रुपरेखा में इसे भी उचित रूप से प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है। प्राचीन भारतीय सनातन ज्ञान परंपरा अति समृद्ध थी तथा इसका उद्देश्य धर्म, अर्थ, काम ,मोक्ष को समाहित करते हुए व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को विकसित करना था। जब सारा विश्व अज्ञान रूपी अंधकार में भटकता था तब संपूर्ण भारत के मनीषी उच्चतम ज्ञान का प्रसार करके मानव को पशुता से मुक्त कर ,श्रेष्ठ संस्कारों से युक्त कर सम्पूर्ण मानव बनाते थे। भारतीय ज्ञान परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। इस ज्ञान परंपरा में आधुनिक विज्ञान प्रबंधन सहित सभी क्षेत्रों के लिए अद्भुत खजाना है। भारतीय दृष्टिकोण से ही ज्ञान परंपरा का अध्ययन कर हम एक बार फिर विश्व गुरू बन सकते हैं। हमें अपनी मानसिकता को बदलकर अपने जीवन में भारतीयता को अपनाने की जरूरत है।
मुख्य शब्द- भारतीय ज्ञान परम्परा, वैदिक व उपनिषद काल, वर्तमान मुद्दे एवं चुनौतियां
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