बुनकरों के जीवन-यापन के बदलते माध्यमः एक वैयक्तिक अध्ययन (उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के विशेष सन्दर्भ में)

Authors

  • 1मोहम्मद नदीम 2डॉ. रुपेश कुमार सिंह

Abstract

वर्तमान सदी एक ऐसी सदी है जिसने समाज के विभिन्न वर्गां के लिए जीवन यापन के अपार अवसर एवं सम्भावनाएं प्रदान की हैं। जिसके कारण भारतीय समाज के विभिन्न जातियों, समुदायों एवं वर्गां ने अपने परंपरागत जीवन यापन के साधनों को त्यागते हुए नये क्षेत्रों में प्रवेश किया है। उक्त समुदायों में से भारतीय समाज का एक ऐसा समुदाय जिसका सदियों से जीवन यापन का परंपरागत माध्यम बुनाई व्यवसाय था। लेकिन वर्तमान समय में यह समुदाय सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक, उत्पादन, विपणन सम्बन्धी समस्याओं के कारण अपने पीढ़ीगत व्यवसाय को छोड़ने के लिए विवश है।
प्रस्तुत शोध अध्ययन एक गुणात्मक अध्ययन है जिसमें उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जनपद के जलालपुर तहसील के बाजिदपुर मुहल्ले में निवास करने वाले चार वैयक्तिक अध्ययनों के द्वारा बुनकरों के जीवन यापन के बदलते माध्यम का विश्लेषण किया गया है।
मुख्य शब्दावली- बुनकर, बुनाई व्यवसाय, हथकरघा, पावरलूम, जीवन-यापन

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Published

01-06-2018

How to Cite

1.
1मोहम्मद नदीम 2डॉ. रुपेश कुमार सिंह. बुनकरों के जीवन-यापन के बदलते माध्यमः एक वैयक्तिक अध्ययन (उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के विशेष सन्दर्भ में). IJARMS [Internet]. 2018 Jun. 1 [cited 2024 Nov. 21];1(1):114-21. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/145

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