साहित्य शोध के विविध परिप्रेक्ष्य एवं चुनौतियाँ (हिन्दी के विशेष सन्दर्भ में)

Authors

  • दिग्विजय कुमार राय

Abstract

प्रत्येक शैक्षिक अनुशासनों में निरंतर शोध एवं अनुसंधान से नए-नए ज्ञान के अभ्युदय की होड़ लगी है। इससे शिक्षा के प्रत्येक विषय अपने को विकसित करने के लिए अन्य शैक्षिक अनुशासनों का भी आश्रय ले रहे हैं। फलतः अन्तरानुशासनात्मक शोध को महत्त्व मिल रहा है और नवीन सूचनाओं के प्रस्संकरण (प्रॉसेसिंग) से सर्वथा अद्यतन उपयुक्त एवं प्रासंगिक ज्ञान को अन्वेषित करने का प्रयत्न हो रहा है। स्वाभाविक है कि वर्तमान परिस्थिति में हिन्दी भाषा एवं साहित्य भी इसका लाभ उठाकर विविध अनुसंधानात्मक परिप्रेक्ष्य में खड़ी चुनौतियों को अन्वेषित करते हुए अपने शोध अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त करे।
विषय संकेतः- साहित्य शोध, विविध अनुसंधानात्मक, इतिहास लेखन एवं शैक्षिक अनुशासन।

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Published

31-01-2022

How to Cite

1.
दिग्विजय कुमार राय. साहित्य शोध के विविध परिप्रेक्ष्य एवं चुनौतियाँ (हिन्दी के विशेष सन्दर्भ में). IJARMS [Internet]. 2022 Jan. 31 [cited 2025 Sep. 27];5(1):218-21. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/480

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