वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 कितना कारगर सिद्ध हुआ-एक अध्ययन
Abstract
वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित वैश्वविक महामारी कोविड-19 की रोकथाम हेतु केन्द्रीय सरकार व राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रयास किये गये जिसके लिये महामारी अधिनियम 1897 को संशोधित कर महामारी रोग संशोधन अध्यादेश 2020 पारित किया गया। देश के सभी राज्यों द्वारा और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अधिनिमय के प्रावधानों के तहत अधिसूचना जारी की है। इस अधिनियम के तहत कुछ प्रतिबन्ध लगाने के बावजूद भी कई राज्य मुख्य रूप से महामारी के प्रसार को कम करने जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इस अधिनियम में कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं, जो राज्य सरकार को संकट के दौरान एक निर्दिष्ट तरीके से कार्य करने के लिये दिशा निर्देशित कर सके।
महामारी अधिनियम 1897 एक शताब्दी से भी अधिक पुराना है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना भी नहीं हुई थी, इस कारण यह अधिनियम इन संगठन द्वारा जारी दिश-निर्देशों के अनुरूप कार्य करने में असमर्थ था। आवश्यक थी कि मौजूदा संक्रमण के दौरान विधायिका को देश के सामने मौजूद चुनौतियों और कठिनाईयों पर विचार करना चाहिए, तथा उनके अनुसार एक नवीन तथा प्रभावी कानून का निमार्ण करना चाहिए। इसी समस्या के समाधान हेतु विधायिका द्वारा उक्त अधिनियम में कुछ संशोधन कर महामारी संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा पूरे देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 को भी लागू करना आवश्यक समझा। शोधार्थी प्रस्तुत लेख द्वारा सम्बन्धित अधिनियमों व विधेयक की उपयोगिता को परखते हुए वर्तमान समस्याओं के समाधान हेतु अपने निष्कर्ष व सुझाव को साझा करने का एक छोटा प्रयास किया गया है।
मुख्य शब्दावली- वैश्विक महामारी, कोविड-19, रोकथाम, महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020
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