भारतीय संस्कृति के शोधक: संत कबीर

Authors

  • गोपाल सिंह

Abstract

कबीर दास बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आपके व्यक्तित्व में योगी- बैरागी, दार्शनिक, भक्त तथा कवि आदि की प्रतिभा एक साथ विद्यमान है। कबीर भारतीय संस्कृति के ऐसे संत हैं जो साधक होने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के शोधक भी हैं। कोई भारतीय धर्म और संस्कृति में प्रवेश कर गई रूढ़ियों और अंधविश्वासों का खंडन करते हैं और जीव और ब्रह्म तथा जगत और ब्रह्मा में अभेद संबंध की स्थापना करते हैं। तथा समाज में असमानता और भेदभाव का खंडन भी करते हैं। किस-किस का तात्पर्य नहीं है की कबीर भारतीय संस्कृति व सनातन परंपरा का मजाक उड़ाते हैं या उसकी निंदा करते हैं बल्कि भारतीय संस्कृति को रूढ़िवाद और विश्वासों से मुक्त कर कबीर उसे और सुदृढ़ करने का प्रयत्न करते हैं।
बीज शब्द- सनातन, तत्वमसि, आध्यात्म, संस्कृति, कतेब।

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Published

01-02-2024

How to Cite

1.
गोपाल सिंह. भारतीय संस्कृति के शोधक: संत कबीर. IJARMS [Internet]. 2024 Feb. 1 [cited 2024 Dec. 21];7:13-7. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/556