आधुनिक शिक्षा में कवीर के विचारों की प्रांसगिकता
Abstract
शब्द संत साहित्य ऐसी निर्मल धारा है जिसमें गोते लगाकर हम मानवीय मूल्यों की रक्षा कर चहंुओर शीतलता और स्वच्छता को प्रसूत कर सकते है। हम अपनी महान परंपरा और संस्कृति के संतरूपी पुरखों से बहुत कुछ गृहण कर उस धरती की रक्षा कर पायेगें। जिसमें मानवीयता पल्लवित और पुष्पित होती है। संत कबीर भक्ति आंदोलन से उपजे ऐसे संत है। जिन्होनें अध्यात्म के साथ मानवीय अस्मिता एवं उसके मूल्यों का परचम सम्पूर्ण विश्व में लहराया।
बीज शब्द - संचार, चिंतक, संवाद, धर्म, सांप्रदायिकता, सद्भावना, मानवीय चिंतन।
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Published
01-02-2024
How to Cite
1.
मंजुला पचौरी. आधुनिक शिक्षा में कवीर के विचारों की प्रांसगिकता. IJARMS [Internet]. 2024 Feb. 1 [cited 2024 Dec. 21];7:45-7. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/565
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