महिलाओ के अधिकार के बारे मे डॉ. बाबासाहब अंबेडकर के विचार

Authors

  • गिरधर एल0 राठोड एवं डॉ. भरत एम0 खेर

Abstract

वर्तमान में डॉ. बाबासाहेल अंबेडकर की बहुमुखी राष्ट्रीय प्रतिमा को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी जाना जाता है। भारत देश के विकास में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उतना ही महत्वपूर्ण है लेकिन अनदेखा योगदान विभिन्न मानवाधिकारों से संबंधित है। जिसमें दबे हुए, कचड़े हुए, शोषितों, वंचित,पीड़ित के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल थी। आज जब जातिवाद आरक्षण के मुद्दे पर आंबेडकर को अलग तरीके से देखा जाता है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। इस के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण सीधे तौर पर वे डॉ. बाबासाहब के योगदान को जानती नहीं है। उनके लिए डॉ. बाबासाहब ने स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसका कारण हिंदू कोड का पारित न होना था, जो भारत की महिलाओं को विशेषाधिकार प्रदान करता था। जिसके माध्यम से महिलाएं अधिकार प्राप्त करने की पात्र बनीं, डॉ. अंबेडकर का मानना था कि लोकतंत्र तभी सफल होगा जब महिलाओं को उनके पिता की संपत्ति में हिस्सा दिया जाएगा। महिलाओं की उन्नति तभी होगी जब परिवार समाज में फिर से महिलाए समानता का दर्जा हासिल कर लेगी। जिसमें शिक्षा एवं आर्थिक प्रगति से उन्हें इस काम में मदद मिलेगी। डॉ. बाबासाहब ने संविधान में महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए समाज में महिलाओं को जागरूक कर उनको सम्मानजनक दर्जा मिलता है।
बीज शब्द- माहिलाओ के अधिकार, हिन्दू कोड बील, संविधानिक अधिकार, माहिलाओ का विकास

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Published

31-01-2025

How to Cite

1.
गिरधर एल0 राठोड एवं डॉ. भरत एम0 खेर. महिलाओ के अधिकार के बारे मे डॉ. बाबासाहब अंबेडकर के विचार. IJARMS [Internet]. 2025 Jan. 31 [cited 2025 Mar. 12];8(01):91-6. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/673

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