डॉ0 अम्बेडकर एवं दलित उत्थान
Abstract
यह अध्ययन डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों, संघर्षों और नीतिगत योगदानों के माध्यम से दलित उत्थान की प्रक्रिया का विश्लेषण करता है। डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता और सामाजिक अन्याय के विरुद्ध सशक्त वैचारिक एवं व्यावहारिक आंदोलन चलाया। उन्होंने शिक्षा, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व को सामाजिक न्याय की आधारशिला माना तथा संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से दलितों को समान अधिकार, अवसर और सम्मान दिलाने का प्रयास किया। यह शोध डॉ. अम्बेडकर की भूमिका को सामाजिक सुधारक, विधिवेत्ता और संविधान निर्माता के रूप में रेखांकित करते हुए दलित चेतना, आरक्षण नीति, सामाजिक लोकतंत्र और मानवाधिकारों के संदर्भ में उनके योगदान का समग्र मूल्यांकन प्रस्तुत करता है।
मुख्य शब्द - डॉ. भीमराव अम्बेडकर, दलित उत्थान, सामाजिक न्याय, अस्पृश्यता उन्मूलन, शिक्षा, आरक्षण, मानवाधिकार
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