’बुन्देलखण्ड के राजवंश’
Abstract
भारत वर्ष का मध्यवर्ती होने से बुन्देलखण्ड, भारत का ह्नदय-स्थल माना जाता है, यहाँ आदि काल से ही विभिन्न संस्कृतियों का संगम होता रहा है। रामायण से ज्ञात होत है कि त्रेतायुग में मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम ने भार्या सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने बनवास अवधि का कुछ समय बुन्देलखण्ड के चित्रकूट में बिताया था। चेदि महाजनपद आधुनिक बुन्देलखण्ड के प्रारंभिक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता था, कालक्रमेण इस क्षेत्र में गौड़, नाग, गहरवार ब्राह्मण तथा प्रतिहार वंशों ने अपनी सत्ता स्थापित की। लगभग नवीं शता0 ई0 के मध्य में यहाँ चन्देल राजवंश तथा 11 वीं शता0 के मध्य में बुन्देला राजवंश तत्पश्चात मराठे और अंततः ब्रिटिश सत्ता अस्तित्व में आई ।
मुख्य शब्द- चित्रकूट, त्रेतायुग, अंगुन्तर निकाय, षोडश-महाजनपद, चन्देल, बुन्देला, मराठे, छत्रसाल, बाजीराव प्रथम, मस्तानी।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2019 IJARMS.ORG

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*