मानव और मूल्य
Abstract
‘मूल्य’ सर्वश्रेष्ठ मानव की सर्वोत्तम सम्प्राप्ति है। मूल्य मानव समाज का ऐसा स्वर्ण है जिससे उसके सारे कार्य, व्यापार एवं व्यवहार का मान निर्धारित होता है। मानव ने अपने आचरण से समस्त जीव जगत पर अपना वर्चस्व स्थापित कर रखा है। विवेक, आत्ममनन, श्रेष्ठ-आचरण, ब्रह्मजिज्ञासा, दायित्वबोध, श्रृद्धा, सत्साहित्य, मैत्री, अहिंसा, दानशीलता, पवित्रता, परिश्रम, समताभावना, कल्याणभावना, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष सभी मानव मूल्य है। किन्तु आज इन मानव मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है। ईश्वर के प्रति उसकी आस्था क्रमशः टूटने लगी है। प्रस्तुत आलेख को खिलने का मेरा मकसद यही है कि वर्तमान समय में नैतिक मूल्यों की अति आवश्यकता है।
शब्द संक्षेप- ‘मूल्य’ सर्वश्रेष्ठ मानव, सर्वोत्तम सम्प्राप्ति, मानव और मूल्य।
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