प्राथमिक शिक्षा, शिक्षक और बच्चें
Abstract
शिक्षा किसी भी समाज में निरंतर चलने वाली सामजिक प्रक्रिया है। देश की शिक्षा व्यवस्था को वर्तमान परिस्थितियों और भाविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तित करने की जरूरत समय समय पर होती है। इसी परिवर्तनवादी और सुधारवादी दृष्टि का मूर्तिमान रूप है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 संपूर्ण भारत के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का आना बहुत ही हर्ष और गौरव का विषय है। किसी भी उद्देश्य या कार्य को सफलतापूर्वक और प्रभावपूर्ण तरीके से पूर्ण करने के लिए तालमेल के साथ कार्य करने की आवश्यकता होती है। इस नई राह पर चलकर उन्नति की ओर एक साथ बढ़ने के लिए सभी को कर्मठ और आशावान होना चाहिए। बच्चें राष्ट्र की संपत्ति है, धरोहर है।
एक शिक्षक का ध्येय बच्चों का चरित्र निर्माण करना तथा ऐसे मूल्यों को रोपना होना चाहिए। बच्चे शिक्षक के बहुत नजदीक होते है। एक शिक्षक अपने बच्चों के लिए रोल माॅडल होता है। बच्चा पहली बार जब घर से निकलकर प्राथमिक विद्यालय आता है तो शिक्षक की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। एक अच्छा शिक्षक, छात्र के जीवन में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। समर्थन प्रदान करता है, ज्ञान और कौशल विकसित करता है। जिज्ञासा और रचनात्मकता पैदा करता है। शिक्षक छात्रों को उनके शैक्षणिक लक्ष्यों तक पहुचनें और दूसरो के साथ स्वस्थ संबंध बनाने के लिए मार्गदर्शन करते है। हमारे जीवन में माता-पिता से ऊपर गुरू को दर्जा दिया गया है क्योकि एक शिक्षक ही है जो एक बच्चें के भविष्य को बनाता है।
keywords- देश की शिक्षा व्यवस्था, प्राथमिक शिक्षा, शिक्षक और बच्चे।
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