वित्तीय समावेशन, चुनौतियॉ एवं जैम त्रयी की अर्थव्यवस्था में भूमिका - एक समीक्षा
Abstract
वित्तीय समावेशन निम्न आय तथा कमजोर समूहों जैसे वर्गों की आवश्यकता वाले उपयुक्त वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक, उनकी निष्पक्ष और पारदर्शी पहुंच को उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया है। विकास के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक करने वित्तीय समावेशन की पहुच के लिये सरकार द्वारा ‘डिजिटल भारत’ अभियान प्रारंभ किया गया। भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की नींव रखी गई। वित्तीय समावेशन और डिजिटल भारत के सम्मिलित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये ही ‘जैम त्रयी’ (जनधन-आधार-मोबाइल) की आधारशिला रखी गई।
वित्तीय समावेशन का मुख्य उद्देश्य उन प्रतिबंधों को दूर करना है जो वित्तीय क्षेत्र में भाग लेने से लोगों को बाहर रखते हैं और किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये वित्तीय सेवाओं को उपलब्ध कराना है।
श्प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना और एलपीजी सब्सिडी के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने वित्तीय समावेशन में बैंकिंग सैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका साबित की है।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशन को एक आदत बना लेने की अपील की। उन्होंने बैंकों को महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों से प्ररेणा लेने के लिए कहा। उन्होंने बैंकों से वित्तीय समावेशन के रचनात्मक माध्यम पेश करने की अपील की, ताकि किसानों की आत्महत्या रोकी जा सके।श्
मुख्य शब्दावली- वित्तीय समावेशन, जनधन योजना, जैम त्रयी, वित्तीय अपवर्जन, डिजिटल भारत
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