संत कबीरः चितंन के विविध आयाम

Authors

  • डॉ0 दुर्गेश कुमार राय

Abstract

कबीर दास ऐसे कवि जो संत, भक्त, समाज सुधारक और फकीर थे। जिनके जैसा आज तक न कोई हुआ और ना ही शायद होगा। कबीर दास समाज सुधारक के साथ ही हिंदी साहित्य के एक महान समाज कवि थे। उन्होंने अनोखा सत्य के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन तथा कल्याण किया। जिससे मानव कुसंगति, छल कपट, निंदा, अंहकार, जाति भेदभाव, धार्मिक पाखंड आदि को छोड़कर एक सच्चा मानव बल सकता है। उन्होंने समाज में चल रहे अंधविश्वासों, रूड़ियों पर करारा प्रहार किया। कबीर शांतिमय जीवन बीताते थे और वे अंहिंसा, सत्य, सदाचार आदि को अपने जीवन में अपनाया और दूसरो को भी सिख देते थे। उनका सभाव क्रांतिकारी प्रवृत्ति होने के कारण उन्होंने ऊंच-नीच तथा समाज में जाति- पाति के भेदभाव का विरोध किया।
उस समय समाज में हिंदू पर मुस्लिम आतंक फैला हुआ था। उन्होंने ऐसा मार्ग अपनाया जिससे समाज में फैली बुराईयों को दूर किया जा सके। कबीर ने अपनी सारा जीवन तथा साहित्यों के आधार पर मानव जाति को एक अच्छा संदेश दिया। जिस संदेश को हमे अपने जीवन में अपना चाहिए। उनके साहित्य में समाज सुधारक की भावना है। जिसे इस प्रकार देख सकते हैं।
बीज शब्द - दार्शनिक, भक्ति, ईश्वरीय ज्ञान, सद्कर्म, ईश्वरीय उपवास।

Additional Files

Published

01-02-2024

How to Cite

1.
डॉ0 दुर्गेश कुमार राय. संत कबीरः चितंन के विविध आयाम. IJARMS [Internet]. 2024 Feb. 1 [cited 2024 Nov. 21];7:72-8. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/574