भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघः विभाजन और स्वतंत्रता के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Authors

  • डा0 आभा चौबे

Abstract

यह शोध पत्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और उसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ;त्ैैद्ध की भूमिका का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है। संघ की स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और उसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर ले जाना था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघ ने मुख्यधारा की राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन विभाजन के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभाजन के दौरान संघ ने हिंदू समाज की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाए। हालाँकि, आलोचकों ने संघ पर सांप्रदायिकता भड़काने का आरोप लगाया। स्वतंत्रता के बाद संघ ने भारतीय राजनीति में अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावशाली भूमिका निभाई, और इसकी विचारधारा का प्रभाव भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से बढ़ा। यह शोध पत्र संघ के दीर्घकालिक प्रभावों और भारतीय राजनीति में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालता है।
मुख्य शब्द- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, स्वतंत्रता संग्राम, विभाजन, हिंदू राष्ट्रवाद, भारतीय राजनीति, दीर्घकालिक प्रभाव।

Additional Files

Published

31-01-2024

How to Cite

1.
डा0 आभा चौबे. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघः विभाजन और स्वतंत्रता के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2024 Jan. 31 [cited 2025 Jul. 4];7(01):117-26. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/627

Issue

Section

Articles

Most read articles by the same author(s)