लोकलुभावनवाद का लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रभाव- एक समीक्षात्मक अध्ययन

Authors

  • डा0 आभा चौबे

Abstract

लोकलुभावनवाद एक तेजी से उभरती राजनीतिक विचारधारा है, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं को चुनौती देती है और उनके स्थायित्व पर गहरा प्रभाव डालती है। यह शोधपत्र लोकलुभावनवाद की परिभाषा, इसके प्रमुख सिद्धांतों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर इसके प्रभावों का विश्लेषण करता है। भारत और विश्व के विभिन्न देशों के उदाहरणों के माध्यम से यह समझने का प्रयास किया गया है कि किस प्रकार लोकलुभावनवाद चुनावी प्रक्रिया, मीडिया, और सरकारी संस्थानों को प्रभावित करता है, और इसके दीर्घकालिक परिणामों का आकलन किया गया है।
मुख्य शब्द- लोकलुभावनवाद, लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया, मीडिया, लोकतांत्रिक संस्थाएँ, राजनीतिक प्रभाव

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Published

31-01-2023

How to Cite

1.
डा0 आभा चौबे. लोकलुभावनवाद का लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रभाव- एक समीक्षात्मक अध्ययन. IJARMS [Internet]. 2023 Jan. 31 [cited 2025 Mar. 12];6(1):181-9. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/626

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