भारतीय राजनीति में अपराधीकरण व भ्रष्टाचारः एक पुनरावलोकन

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लोग जब तक भारतीय राजनीति में रहें तब तक अपराधीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ नही हुई थी। लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में चारों ओर अपराधियों की जमघट दिखाई दे रहा है। आज हमारे नेता अपराधिक चरित्र वालों को उच्च पदों पर बैठा रहे है और सज्जनों को अपमान का विष पीना पड रहा है। आज के दौर में अधिकतम राजनेता और राजनीतिक दल सत्तालोलुप है। कुर्सी पाना उनका एकमात्र लक्ष्य रह गया है, वे डाकुओं, माफिया , सरगनाओं एवं अपराधियों को पार्टी टिकट देकर चुनाव लड़वाते है। वे जानते है की जनता उनके भय और आतंक से उन्हें ही वोट देगी। वर्तमान परिदृश्य में कोई एक दल को दोषी ठहराना उचित नही होगा, सभी राजनितिक एक ही थैली के चट्टे बट्टे से है।
वर्तमान समय में संसद और विधानसभाओं में कई एसे चेहरे दिखाई देते है जिनकी वास्तविक जगह जेल की सलाखों के पीछे होनी चाहिए थी। आज के समय में जब मिली जुली सरकार बन रही है, किसी दल के पास इतना बहुमत नही है कि वह अपने दम पर सरकार बना सके, तब वे किसी को भी अपने दल में शामिल करने को तैयार हो जाते है, चाहे वो अपराधी सांसद या विधायक ही क्यों न हो।
स्ांकेत शब्दः भारतीय राजनीति में अपराधीकरण, भ्रष्टाचार, भारतीय लोकतंत्र व कुशासन।

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Published

15-01-2019

How to Cite

1.
डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. भारतीय राजनीति में अपराधीकरण व भ्रष्टाचारः एक पुनरावलोकन. IJARMS [Internet]. 2019 Jan. 15 [cited 2024 Nov. 21];2(1):39-43. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/105

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