भारत में महिलाओं के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियां व संभावनाएं
Abstract
महिला सशक्तिकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारीरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिला को आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता व आत्मविश्वास प्रदान करना। यदि कोई महिला अपने और आपने अधिकारों के बारे में सजग है, यदि उसका आत्मसम्मान बढ़ा हुआ है तो वह सशक्त है, समर्थ है। महिला हितों की जब भी बात की जाती है, तब सिर्फ राजनीतिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर चर्चा होती है, पर सामाजिक सशक्तिकरण की चर्चा नहीं होती। इन परिस्थितियों में उन्हें राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त करने की बात बेमानी लगती है, भले ही उन्हें कई कानूनी अधिकार मिल चुके हैं। क्योंकि जब तक महिलाओं का वास्तविक सामाजिक सशक्तिकरण नहीं होगा, तब तक वह अपने कानूनी अधिकारों का समुचित उपयोग नहीं कर सकेंगी।
शब्द संक्षेप- महिला सशक्तिकरण, भारत में महिलाएं, विभिन्न चुनौतियां व संभावनाएं।
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