भारत में बलात्कार से संबंधित कानून एवं ऐतिहासिक व वर्तमान परिदृश्य

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

हिंसा करने वाले अपराधी जन्म से ही दुव्यर्वहार करने के आदी नहीं होते। वे बचपन से ही उस तरह का व्यवहार करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार किए जाते हैं। मधुमिता पांडे ने ब्रिटेन की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी के अपराध विज्ञान विभाग में अपने डॉक्टोरल शोध के लिए बलात्कार के 100 दोषियों का साक्षात्कार किया। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया, “जब मैं शोध के लिए गई, तो मैं समझती थी कि वे हैवान होंगे, लेकिन जब उनसे बात की कि तो महसूस हुआ कि वे कोई अनोखे इंसान नहीं थे। वे बेहद सामान्य इंसान थे। उन्होंने जो भी किया था वह अपने पालन-पोषण और सोच के कारण किया था।” महिलाओं के साथ होने वाली हर तरह की हिंसा के पीछे एक ही तरह की दास्तान है उनका जन्म समाज में हुआ है, इसलिए समाज को ही उनमें सुधार लाने की दिशा में काम करना होगा।
इस तरह का सुधार लाने के लिए सबसे पहले कदम के तौर पर यह आवश्यक होगा कि “पुरुषों को महिलाओं के खिलाफ रखने” के स्थान पर पुरुषों को इस समाधान का भाग बनाया जाए। मर्दानगी की भावना को स्वस्थ मायनों में बढ़ावा देने और पुराने घिसे-पिटे ढर्रे से छुटकारा पाना अनिवार्य होगा।
शब्द संक्षेप- भारत में बलात्कार, संबंधित कानून, हिंसा करने वाल,े अपराधी, ऐतिहासिक एवं वर्तमान परिदृश्य।

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Published

30-01-2020

How to Cite

1.
डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. भारत में बलात्कार से संबंधित कानून एवं ऐतिहासिक व वर्तमान परिदृश्य. IJARMS [Internet]. 2020 Jan. 30 [cited 2024 Nov. 21];3(1):223-6. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/412

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