भारत में उच्च शिक्षा एवं आनलाइन शिक्षण

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

ऑनलाइन शिक्षा से तात्पर्य ऐसी शिक्षा से है, जिसमें कोई व्यक्ति इंटरनेट व अन्य संचार उपकरणों के माध्यम से अपने स्थान पर ही बगैर कहीं जाये शिक्षा प्राप्त कर पाता है। ऑनलाइन शिक्षा के विभिन्न रुप हैं। जैसे- वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल आधारित लर्निंग या कम्प्यूटर आधारित लर्निंग और वर्चुअल क्लासरुम इत्यादि शामिल हैं।
भारत में लॉकडाउन के प्रारंभ से ही अधिकांशतः शिक्षण संस्थानों ने शैक्षणिक कार्यां के लिए ऑनलाइन शिक्षा माध्यम को अपनाया। कहा जा सकता है कि कोविड-19 के प्रसार के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ने भी व्यापक स्तर पर अपना प्रसार किया है। आंकड़ों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने वर्ष 2026 तक देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 4.06 करोड़ छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट प्रदान करने की भी योजना बनाई है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए कुल 60800 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। ब्लैक बोर्ड से लेकर स्मार्ट बोर्ड तक का बदलाव कक्षा शिक्षण को रूचिकर बनाने के उद्देश्य से किया गया, जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी को भी शामिल किया गया।
आज शिक्षकों के व्याख्यानों को सुरक्षित कर (रिकॉर्ड करना) उन्हें सार्वजनिक रुप से उपलब्ध कराना नई तकनीकों के कारण ही सम्भव हो पाया है। भारतवर्ष की परंपरागत शिक्षा के तहत शिक्षा का अर्थ ही उन मूल्यों से राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाना था। स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व आदि जैसे सार्वभौमिक मूल्यों के जरिये नागरिक के निर्माण की भूमिका शिक्षा की थी। शिक्षक व छात्र के सम्बन्ध भी इन्हीं मूल्यों पर आधारित थे।
Keywords- भारत में उच्च शिक्षा, आनलाइन शिक्षण, इंटरनेट, संचार उपकरण, वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल आधारित लर्निंग, कम्प्यूटर आधारित लर्निंग और वर्चुअल क्लासरुम।

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Published

31-01-2021

How to Cite

1.
डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. भारत में उच्च शिक्षा एवं आनलाइन शिक्षण. IJARMS [Internet]. 2021 Jan. 31 [cited 2024 Nov. 21];4(1):62-7. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/63

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