आधुनिक प्रवृत्ति का द्योतक ‘बाघ’

Authors

  • 1डॉ0 अवधेश कुमार शुक्ला

Abstract

पुस्तक ‘‘बाघ’’ केदारनाथ सिंह जी द्वारा लिखित लम्बी कविता है। इसका पहला प्रकाशन स्वतन्त्र काव्य संस्करण के रुप में 1996 में हुआ। यद्यपि इससे पहले बाघ शीर्षक कविता 1984 में प्रतिनिधि कविताएँ में छपी थी। इससे पहले भी बाघ यत्र-तत्र केदार जी की कविताओं में विषय के रुप में अपना स्थान बना चुका था जैसे ‘जमीन पक रही है’ काव्य संकलन की अंतिम कविता सादा पन्ना में बाघ का उल्लेख कविता के मूल्य को बढ़ाता है

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Published

15-01-2019

How to Cite

1.
1डॉ0 अवधेश कुमार शुक्ला. आधुनिक प्रवृत्ति का द्योतक ‘बाघ’. IJARMS [Internet]. 2019 Jan. 15 [cited 2024 Nov. 23];2(1):150-3. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/186

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Articles