नागार्जुन की हिन्दी कविताओं में प्रकृति का दृश्यात्मक वर्णन
Abstract
नागार्जुन की कविताओं में प्रकृति के एक रूप दृश्य का वर्णन मिलता है। सामने जैसा दिख रहा है उसे वैसा ही कविता में उतार दिया गया है। कई बार साहित्य-चिंतकों और काव्य शास्त्रियों के बीच इस पर चर्चा हुई है कि क्या अविधा में भी महान कविता संभव है।
Keywords- नागार्जुन, हिन्दी कविता, प्रकृति, दृश्यात्मक वर्णन।
Additional Files
Published
30-09-2020
How to Cite
1.
डॉ0 वाचस्पति. नागार्जुन की हिन्दी कविताओं में प्रकृति का दृश्यात्मक वर्णन. IJARMS [Internet]. 2020 Sep. 30 [cited 2024 Nov. 21];3(2):103-12. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/241
Issue
Section
Articles
License
Copyright (c) 2020 IJARMS.ORG
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*