महात्मा गांधी के राजनीतिक विचारों का आधुनिक लोकतंत्र पर प्रभाव

Authors

  • डा0 सदगुरु पुष्पम

Abstract

महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता होने के साथ-साथ एक गहन राजनीतिक विचारक भी थे। उनके राजनीतिक विचार केवल तत्कालीन औपनिवेशिक शासन के प्रतिरोध तक सीमित नहीं थे, बल्कि वे एक व्यापक वैचारिक प्रणाली को प्रस्तुत करते थे, जो आधुनिक लोकतंत्र के मूल्यों से गहरे रूप से जुड़ी हुई है। उन्होंने सत्य, अहिंसा, आत्मबल, नैतिकता, सामाजिक न्याय और विकेंद्रीकरण जैसे मूल्यों को राजनीति का अनिवार्य अंग माना।
गांधीजी का विश्वास था कि राजनीति का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे समाज के नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम बनना चाहिए। गांधीजी की स्वराज की परिकल्पना केवल विदेशी शासन से मुक्ति तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका संबंध व्यक्ति की आत्मनिर्भरता और आत्म-शासन से था। उनके लिए ग्राम स्वराज एक आदर्श लोकतांत्रिक संरचना थी, जिसमें प्रत्येक गांव एक स्वतंत्र, आत्मनिर्भर इकाई होता, जो लोक सहभागिता के माध्यम से कार्य करता। उन्होंने लोकतंत्र को एक जीवंत और सहभागी प्रक्रिया के रूप में देखा, जिसमें जनता केवल मतदाता नहीं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया का सक्रिय अंग हो।
गांधीजी का अहिंसा का सिद्धांत न केवल सामाजिक संघर्षों के समाधान का उपाय था, बल्कि यह एक राजनीतिक रणनीति भी थी, जो संवाद, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देती है। उनके ट्रस्टीशिप के सिद्धांत में उन्होंने पूंजीवाद और समाजवाद के बीच एक मध्य मार्ग सुझाया, जिसमें पूंजीपति अपने संसाधनों को समाज के हित में धरोहर के रूप में उपयोग करें।
यह विचार आज भी सामाजिक उत्तरदायित्व और आर्थिक न्याय के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। आज के संदर्भ में जब लोकतंत्र केवल चुनावी प्रक्रिया तक सीमित होकर नैतिकता, पारदर्शिता और जनहित से दूर होता जा रहा है, तब गांधीजी के विचार हमें लोकतंत्र की आत्मा की पुनर्प्राप्ति का मार्ग दिखाते हैं।
वैश्वीकरण, तकनीकी विकास, पर्यावरणीय संकट और सामाजिक विषमता के इस दौर में गांधीवादी दृष्टिकोण विशेषकर विकेंद्रीकरण, आत्मनिर्भरता, अहिंसात्मक विरोध, और नैतिक नेतृत्वकृअत्यंत प्रासंगिक हो जाते हैं।
यह शोधपत्र गांधीजी के राजनीतिक चिंतन की व्यापक व्याख्या करता है और आधुनिक लोकतंत्र की संरचना, कार्यप्रणाली तथा चुनौतियों पर उनके विचारों के प्रभाव का विश्लेषण करता है। गांधीजी के सिद्धांत केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि समकालीन लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
कीवर्ड्स- महात्मा गांधी, राजनीतिक विचार, आधुनिक लोकतंत्र, सत्याग्रह, अहिंसा, स्वराज, विकेंद्रीकरण, ट्रस्टीशिप, ग्राम स्वराज, नैतिक राजनीति

Additional Files

Published

15-01-2019

How to Cite

1.
डा0 सदगुरु पुष्पम. महात्मा गांधी के राजनीतिक विचारों का आधुनिक लोकतंत्र पर प्रभाव. IJARMS [Internet]. 2019 Jan. 15 [cited 2025 Jul. 4];2(1):264-7. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/718

Issue

Section

Articles