लोक और लोक संगीत
Abstract
लोक संगीत का अलोक संगीत शब्द में लोक और संगीत दो अलग-अलग शब्द है। हिन्दी व्याकरण की दृष्टि से लोक संगीत हिन्दी व्याकरण की दृष्टि से लोक संगीत एवं समस्त पद है। लोक तथा संगीत एक समस्त पद है। लोक तथा संगीत के बीच तत्पुरूष कारक की षष्ठी विमक्ति करके लोप हो जाने से लोक संगीत शब्द का अर्थ हुआ लोक का संगीत। अर्थात लोक संगीत की सबसे सार्थक व्याख्या यही हो सकती है कि यह लोक या लोग या जनमसनस का संगीत है। लोक द्वारा सृजित लोक द्वारा रक्षित, लोकरंजन के लिय, लोक जिबहाओं द्वारा गाया जाने वाला संगीत होता है। लोक मानस की किसी भी अनुभूति की अभिव्यति के लिए स्वरताल तत्व के आश्रय से ही लोक संगीत का जन्म होता है। लोक संगीत की महिमा बताते हुए कहा गया है। कि मनुष्य नौ प्रकार के रसों से भवावित होकर जब स्वाभाविक रूप से गाकर, बजाकर अथवा नाचकर अपने भावों को प्रकट करता है तो उसे लोक संगीत कहते है।
मुख्य शब्दः- लोक, लोक संगीत, लोक द्वारा रक्षित, लोकरंजक।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2021 IJARMS.ORG

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
*