21वीं सदी में भारत के समक्ष चुनौतियां

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

21वीं सदी में भारत एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था और वैश्विक शक्ति के रूप में विकसित हो रहा है, लेकिन इसके सामने कई बहुआयामी चुनौतियाँ भी हैं। यह शोध पत्र भारत के सामने आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय, तकनीकी, आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से संबंधित प्रमुख चुनौतियों का विस्तृत विश्लेषण करता है। इसमें इन चुनौतियों के संभावित समाधान और नीति-निर्माण की आवश्यकताओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। यह अध्ययन सरकारी नीतियों, ऐतिहासिक संदर्भों और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति की गहन समीक्षा करता है।
कीवर्ड- भारत, 21वीं सदी, आर्थिक चुनौतियाँ, सामाजिक चुनौतियाँ, पर्यावरण, सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंध, तकनीकी विकास, डिजिटल इंडिया, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास।

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Published

31-01-2023

How to Cite

1.
डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. 21वीं सदी में भारत के समक्ष चुनौतियां. IJARMS [Internet]. 2023 Jan. 31 [cited 2025 Apr. 30];6(1):192-8. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/693

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