नारीवाद सिद्धान्तों के विकास का इतिहास एवं वर्तमान समाज में नारी का स्थान
Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र में नारीवाद की अवधारणा और विभिन्न नारीवादी सिद्धान्तों के विकास क्रम का विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया गया है कि विभिन्न समाजों संस्कृतियों में नारीवादी अवधारणा का विकास किस प्रकार हुआ एवं कैसे लोकप्रिय हुयी। समाजषास्त्रीयों ने नारीवाद की अवधारणा का विश्लेषण जिन नारीवादी सिद्धान्तों के माध्यम से किया है तथा नारीवाद के माध्यम से महिलायें स्वयं का सशक्तीकरण करने में कहां तक सफल हुई हैं, ऐसे कई विषयों पर विचार किया गया है।
शब्द संक्षेप- महात्मा गांधी, विचार, अधिकार, सिद्धांतों की प्रासंगिकता, स्वतंत्रता।
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Published
30-09-2020
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1.
डॉ0 अनुपमा श्रीवास्तव. नारीवाद सिद्धान्तों के विकास का इतिहास एवं वर्तमान समाज में नारी का स्थान. IJARMS [Internet]. 2020 Sep. 30 [cited 2024 Nov. 21];3(2):147-52. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/295
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