भारतीय विदेश नीति का बदलता स्वरूप

Authors

  • डॉ0 अनुपमा श्रीवास्तव

Abstract

वर्तमान में भारतीय विदेश नीति विभिन्न आयामों से होती हुई परिपक्वता के चरण तक पहुंची है भारत अपनी विदेश नीति तथा अर्न्तराष्ट्रीय सम्बन्धों के कारण ही अर्न्तराष्ट्रीय समस्याओं के निदान में प्रमुख देश के रूप में उभरा है। वर्तमान विदेश नीति में पूर्व की सभी नीतियों की अपेक्षा चुनौती देने की प्रवृति बढ़ी है। भारत अपनी दशकों पुरानी सुरक्षात्मक नीति को बदलते हुये कुछ हद तक आक्रामक नीति की ओर बढ़ रहा है बदलते वैश्विक परिवेश में भारत अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिये किसी भी औपचारिक समूह पर निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है भारत अपनी विदेश नीति को संतुलित करने का भी प्रयत्न कर रहा है आज भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बदलता हुआ वैश्विक परिदृश्य है इस परिदृश्य में अपनी विदेश नीति के माध्यम से अपने को स्थापित करना एक चुनौती के समान है।
शब्द संक्षेप. अन्तर्राष्ट्रीय, गुटनिरपेक्षता, विदेश नीति, सन्तुलन, सीमा विवाद, वैश्विक, बहुपक्षवाद, राष्ट्रीय हित, अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध।

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Published

31-01-2021

How to Cite

1.
डॉ0 अनुपमा श्रीवास्तव. भारतीय विदेश नीति का बदलता स्वरूप. IJARMS [Internet]. 2021 Jan. 31 [cited 2024 Nov. 21];4(1):155-61. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/296

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