काव्य और संगीत का विभिन्न तर्को के आधार पर सम्बन्ध
Abstract
संगीत तथा काव्य वैदिक काल से अन्यान्याश्रित तथा घनिष्ठ रहे है। सामवेद भारतीय संगीत कला का प्राचीनतम निदर्शन है। सामवेद का स्रोत तत्कालीन लोक संगीत ही रहा है। सामवेद की ऋचाओं को काव्य मानते हुये सामवेद के उदांत, अनुदांत, स्वारित में उनका गायन होता था। प्राचीनता प्राचीन प्रबन्ध गान संगीत और काव्य के सम्बन्ध की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। प्राचीन संगीत वांडमय में प्रबन्ध गान को नियमों में बंधे हुये गीत के रूप में माना जाता है। प्रबन्ध शब्द तथ्ज्ञा संगीत, संगीत और काव्य के सम्बन्ध की प्राचीनता की पुष्टि करते है।
मुख्य शब्द- काव्य, संगीत के विभिन्न तर्क, प्राचीन प्रबन्ध गान संगीत और काव्य।
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Published
15-01-2019
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1.
डॉ0 शालिनी त्रिपाठी. काव्य और संगीत का विभिन्न तर्को के आधार पर सम्बन्ध. IJARMS [Internet]. 2019 Jan. 15 [cited 2024 Nov. 21];2(1):231-5. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/379
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