कुमाऊँ के संस्कार गीत

Authors

  • डॉ0 शालिनी त्रिपाठी

Abstract

अन्य संस्कार आज के समाज में भले ही अपना महत्व खो रहे हैं, किन्तु विवाह के अवसर पर प्राचीनता के साथ -साथ आधुनिकता के प्रदर्शन में एक नया रूप ले लिया है और विवाह संस्कार लगभग सभी स्थानों पर बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। विवाह पुत्र को हो या पुत्री का दोनो ही अवसरों पर संस्कार गीतों की स्वर लहरी वातावरण को माधुर्य से ओत-प्रोत करती है।
शब्द संक्षेप- कुमाऊँ, लोक साहित्य, विवाह संस्कार गीत, संस्कार गीत।

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Published

30-09-2020

How to Cite

1.
डॉ0 शालिनी त्रिपाठी. कुमाऊँ के संस्कार गीत. IJARMS [Internet]. 2020 Sep. 30 [cited 2025 Mar. 12];3(2):190-2. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/408

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