संगीत और काव्य की पारस्परिकता

Authors

  • डॉ0 शालिनी त्रिपाठी

Abstract

संगीत में वह शक्ति है जो हृदय में नवरसों का संचार कर मानव हृदय में भावुकता, कृरूपा, तन्मयावस्था उत्पन्न कर दे और परिणामस्वरूप हृदय निर्मल हो जाये।
संगीत एक सार्थक प्रवाह है जो सार्थक मानवीय संवाद के प्रवाह से अद्भुत साम्य रखता। प्रवाहमयता के कारण ही संगीत नित नवीन है।
शब्द संक्षेप- संगीत, काव्य, साहित्य, मानव जीवन की सुखानुभूति एवं पारस्परिकता।

Additional Files

Published

31-07-2021

How to Cite

1.
डॉ0 शालिनी त्रिपाठी. संगीत और काव्य की पारस्परिकता. IJARMS [Internet]. 2021 Jul. 31 [cited 2024 Nov. 21];4(2):179-82. Available from: https://journal.ijarms.org/index.php/ijarms/article/view/411

Issue

Section

Articles

Most read articles by the same author(s)